TOP CAPTIONS AND QUOTES OF PUNJABI POET AMRITA PRITAM


20वीं सदी की मशहूर कवयित्री अमृता प्रीतम का आज 31 अगस्त को जन्मदिन के मौके पर गूगल ने उनको डुडल के द्वारा बेहद खास अंदाज में याद किया है .


अमृता प्रीतम पंजाब की मशहूर लेखिका, कवयित्री थी. भारत विभाजन का दर्द, महिलाओं पर होने वाला जुल्म का दर्द इनकी कृतियों में साफ झलकता है. अमृता जी ने करीब 100 पुस्तकें लिखी है . पिंजर और रसीदी टिकट उनके कई मशहूर कृतियों में से एक है.

उनके जन्मदिन के उपलक्ष में आज हम याद करते है उनकी कुछ बेहतरीन कविताएं .

TOP CAPTIONS AND QUOTES OF PUNJABI POET AMRITA PRITAM

1. एक मुलाकात


कई बरसो के बाद अचानक एक मुलाकात
हम दोनों के प्राण एक नज्म की तरह कांपे
सामने एक पूरी रात थी
पर आधी नज्म एक कोने में सिमटी रही
और आधी नज्म एक कोने में बैठी रही
फिर सुबह
हम कागज के फटे हुए टुकड़े की तरह मिले
मैंने अपने हाथ मे उसका हाथ लिया
उसने अपनी बाँह में मेरी बाँह डाली
और हम दोनों एक सेंसर की तरह हंसे
और कागज को एक ठन्डे मेज़ पर रखकर
उस सारी नज्म पर लकीर फेर दी  राजेश वर्मा

2. एक घटना


तेरी यादें
बहुत दिन बीते जलावतन हुई
जीती की मरी कुछ पता नही
सिर्फ एक बार एक घटना घटी
ख़यालो की रात बड़ी गहरी थी
और इतनी स्तब्ध थी
की पत्ता भी हिले
तो बरसों के कान चौकते

3. विश्वाश


एक अफवाह बड़ी काली
एक चमकादड़ की तरह मेरे कमरे में आयी है
दीवारों से टकराती
और दरारे सुराख और सुरंग ढूढ़ने
आंखों की काली गालियां
मैंने हाथों से ढक ली है
और तेरे इश्क़ की मैंने कानो में रुई लगा ली है

4. सिगरेट


यह आग की बात है
तूने यह बात सुनाई है
यह ज़िन्दगी की वो ही सिगरेट है
जो तूने सुलगाई थी
चिंगारी तूने दी थी
यह दिल सदा जलता रहा
वक़्त कलम पकड़ कर
कोई हिसाब लिखता रहा
चौदह मिनट हुए है
इसका खाता देखो
चौदह साल ही है
इस कलम से पूछो




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